Index Search for 'लोकेऽस्मिन्यच्चाप्यन्यत्सुदुष्करम्' |
Shloka: | यानि शिल्पानिलोकेऽस्मिन्यच्चाप्यन्यत्सुदुष्करम् । सर्वं यतिष्ये तत्कर्तुमृतुपर्ण भरस्व माम् ॥ |
Reference: | 3.32.64.0.4(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>इन्द्रलोकाभिगमनपर्व>चतुःषष्ठितमोऽध्यायः (64)>श्लोक#4) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | इन्द्रलोकाभिगमनपर्व |
Adhyaya: | चतुःषष्ठितमोऽध्यायः (64) |
Akhyana: | |
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