Index Search for 'लोकेऽस्मिन्पुमान्विद्येत' |
Shloka: | नैतस्य कर्तालोकेऽस्मिन्पुमान्विद्येत भारत । यत्कृतं ते महाराज सह भ्रातृभिराहवे ॥ |
Reference: | 3.39.236.0.14(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>घोषयात्रापर्व>षट्त्रिंशदधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#14) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | घोषयात्रापर्व |
Adhyaya: | षट्त्रिंशदधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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