Index Search for 'लोकेऽस्मिन्नृध्यन्ते' |
Shloka: | परांश्च निर्गुणान्मन्ये न च धर्मरतानपि । ते च लोमशलोकेऽस्मिन्नृध्यन्ते केन केतुना ॥ |
Reference: | 3.33.92.0.2(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>तीर्थयात्रापर्व>द्विनवतितमोऽध्यायः (92)>श्लोक#2) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | तीर्थयात्रापर्व |
Adhyaya: | द्विनवतितमोऽध्यायः (92) |
Akhyana: | |
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