Index Search for 'लोकेऽस्मिन्देवदानववर्जिते' |
Shloka: | अनन्तरिक्षेलोकेऽस्मिन्देवदानववर्जिते । त्वमेव प्रलये विप्र ब्रह्माणमुपतिष्ठसि ॥ |
Reference: | 3.37.186.0.3(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>षडशीत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#3) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | षडशीत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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