Index Search for 'लोकेषु' |
Shloka: | अनेनैव च विख्यातो नाम्नालोकेषु सत्तमः । स और्व इति विप्रर्षिरूरुं भित्त्वा व्यजायत ॥ |
Reference: | 1.11.170.6.8(आदिपर्व>चैत्ररथपर्व>सप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः>और्वोपाख्यान>श्लोक#8) |
Parva: | आदिपर्व |
Upaparva: | चैत्ररथपर्व |
Adhyaya: | सप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | और्वोपाख्यान |
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