Index Search for 'लोके' |
Shloka: | अष्टावक्र उवाच - दशा दशोक्ताः पुरुषस्यलोके सहस्रमाहुर्दश पूर्णं शतानि । दशैव मासान्बिभ्रति गर्भवत्यो दशेरका दश दाशा दशार्णाः ॥ |
Reference: | 3.33.134.0.16(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>तीर्थयात्रापर्व>चतुस्त्रिंशदधिकशततमोऽध्यायः (134)>श्लोक#16) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | तीर्थयात्रापर्व |
Adhyaya: | चतुस्त्रिंशदधिकशततमोऽध्यायः (134) |
Akhyana: | |
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