Index Search for 'लोकास्त्रीणि' |
Shloka: | बन्द्युवाच - त्रिः सूयते कर्मणा वै प्रजेयं त्रयो युक्ता वाजपेयं वहन्ति । अध्वर्यवस्त्रिषवणानि तन्वते त्रयोलोकास्त्रीणि ज्योतींषि चाहुः ॥ |
Reference: | 3.33.134.0.9(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>तीर्थयात्रापर्व>चतुस्त्रिंशदधिकशततमोऽध्यायः (134)>श्लोक#9) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | तीर्थयात्रापर्व |
Adhyaya: | चतुस्त्रिंशदधिकशततमोऽध्यायः (134) |
Akhyana: | |
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