Index Search for 'लोकास्तेजोमयाः' |
Shloka: | पुरस्ताद्ब्रह्मणस्तत्रलोकास्तेजोमयाः शुभाः । यत्र यान्त्यृषयो ब्रह्मन्पूताः स्वैः कर्मभिः शुभैः ॥ |
Reference: | 3.41.247.0.18(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>व्रीहीद्रौणिकपर्व>सप्तचत्वारिंशदधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#18) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | व्रीहीद्रौणिकपर्व |
Adhyaya: | सप्तचत्वारिंशदधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
Search other sources: | search this word on other online resources
|