Index Search for 'लोकास्तव' |
Shloka: | वसुमना उवाच - तांस्त्वं लोकान्प्रतिपद्यस्व राजन्मया दत्तान्यदि नेष्टः क्रयस्ते । अहं न तान्वै प्रतिगन्ता नरेन्द्र सर्वेलोकास्तव ते वै भवन्तु ॥ |
Reference: | 1.7.88.3.5(आदिपर्व>संभवपर्व>अष्टाशीतितमोऽध्यायः (88)>उत्तरयायातम्>श्लोक#5) |
Parva: | आदिपर्व |
Upaparva: | संभवपर्व |
Adhyaya: | अष्टाशीतितमोऽध्यायः (88) |
Akhyana: | उत्तरयायातम् |
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