Index Search for 'लोकान्प्राप्नुवन्ति' |
Shloka: | यावन्ति रोमाणि हये भवन्ति हि नरेश्वर । तावतो वाजिदालोकान्प्राप्नुवन्ति महीपते ॥ |
Reference: | 5.54.112.11.19(उद्योगपर्व>भगवद्यानपर्व>द्वादशाधिकशततमोऽध्यायः (112)>गालवचरितम्>श्लोक#19) |
Parva: | उद्योगपर्व |
Upaparva: | भगवद्यानपर्व |
Adhyaya: | द्वादशाधिकशततमोऽध्यायः (112) |
Akhyana: | गालवचरितम् |
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