Index Search for 'लोकानां' |
Shloka: | विष्णुरुवाच - सर्वमेतद्धि भविता मत्प्रसादात्तव द्विज । प्रतिभास्यति योगश्च येन युक्तो दिवौकसाम् । त्रयाणामपिलोकानां महत्कार्यं करिष्यसि ॥ |
Reference: | 3.37.192.0.25(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>द्विनवत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#25) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | द्विनवत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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