Index Search for 'लोकादमुष्मादवनिं' |
Shloka: | सर्वे भवन्तस्त्वतिवीर्यसत्त्वा दिव्यौजसः संहननोपपन्नाः ।लोकादमुष्मादवनिं प्रपन्नाः स्वधीतविद्याः सुरकार्यहेतोः ॥ |
Reference: | 3.37.181.0.39(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>एकाशीत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#39) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | एकाशीत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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