Index Search for 'लोकाः' |
Shloka: | मातोवाच - किमद्यकानां ये लोका द्विषन्तस्तानवाप्नुयुः । ये त्वादृतात्मनांलोकाः सुहृदस्तान्व्रजन्तु नः ॥ |
Reference: | 5.54.131.12.37(उद्योगपर्व>भगवद्यानपर्व>एकत्रिंशदधिकशततमोऽध्यायः (131)>विदुरापुत्रानुशासनम्>श्लोक#37) |
Parva: | उद्योगपर्व |
Upaparva: | भगवद्यानपर्व |
Adhyaya: | एकत्रिंशदधिकशततमोऽध्यायः (131) |
Akhyana: | विदुरापुत्रानुशासनम् |
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