Index Search for 'लोकांस्त्रीनिमान्हव्यवाह' |
Shloka: | सृष्ट्वालोकांस्त्रीनिमान्हव्यवाह प्राप्ते काले पचसि पुनः समिद्धः । सर्वस्यास्य भुवनस्य प्रसूतिस्त्वमेवाग्ने भवसि पुनः प्रतिष्ठा ॥ |
Reference: | 1.19.223.10.14(आदिपर्व>खाण्डवदाहपर्व>त्रयोविंशत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>इन्द्रविजयोपाख्यान>श्लोक#14) |
Parva: | आदिपर्व |
Upaparva: | खाण्डवदाहपर्व |
Adhyaya: | त्रयोविंशत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | इन्द्रविजयोपाख्यान |
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