Index Search for 'लोका' |
Shloka: | शक्र उवाच - बलं तवाद्भुतं वीर त्वं देवानामरीञ्जहि । अवज्ञास्यन्ति मांलोका वीर्येण तव विस्मिताः ॥ |
Reference: | 3.37.218.0.15(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>अष्टादशाधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#15) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | अष्टादशाधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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