Index Search for 'लोकपालोऽनृतां' |
Shloka: | लोकपालोऽनृतां वाचं न तु वक्ता कथंचन । समर्थास्ते च वक्तारो न ते तेष्वस्ति मानसम् ॥ |
Reference: | 1.19.224.10.10(आदिपर्व>खाण्डवदाहपर्व>चतुर्विंशत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>इन्द्रविजयोपाख्यान>श्लोक#10) |
Parva: | आदिपर्व |
Upaparva: | खाण्डवदाहपर्व |
Adhyaya: | चतुर्विंशत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | इन्द्रविजयोपाख्यान |
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