Index Search for 'लोकपालैस्त्वं' |
Shloka: | दिष्ट्या चलोकपालैस्त्वं समेतो भरतर्षभ । दिष्ट्या वर्धामहे सर्वे दिष्ट्यासि पुनरागतः ॥ |
Reference: | 3.35.171.0.13(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>यक्षयुद्धपर्व>एकसप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#13) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | यक्षयुद्धपर्व |
Adhyaya: | एकसप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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