Index Search for 'लेभाते' |
Shloka: | वैशंपायन उवाच - अन्योन्यमनुनीयैवं भ्रातरौ तौ महाद्युती । विदुरो धृतराष्ट्रश्चलेभाते परमां मुदम् ॥ |
Reference: | 3.29.7.0.24(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>आरण्यकपर्व>सप्तमोऽध्यायः (07)>श्लोक#24) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | आरण्यकपर्व |
Adhyaya: | सप्तमोऽध्यायः (07) |
Akhyana: | |
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