Index Search for 'लिङ्गानि' |
Shloka: | इह देवाः सदा सर्वे यज्ञानाजह्रुरुत्तमान् । तेषामेतानिलिङ्गानि दृश्यन्तेऽद्यापि भारत ॥ |
Reference: | 3.33.109.0.15(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>तीर्थयात्रापर्व>नवाधिकशततमोऽध्यायः (109)>श्लोक#15) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | तीर्थयात्रापर्व |
Adhyaya: | नवाधिकशततमोऽध्यायः (109) |
Akhyana: | |
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