Index Search for 'लभेत्कन्याशतं' |
Shloka: | ततः कन्याश्रमं गच्छेन्नियतो ब्रह्मचर्यवान् । त्रिरात्रोपोषितो राजन्नुपवासपरायणः ।लभेत्कन्याशतं दिव्यं ब्रह्मलोकं च गच्छति ॥ |
Reference: | 3.33.81.0.165(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>तीर्थयात्रापर्व>एकाशीतितमोऽध्यायः (81)>श्लोक#165) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | तीर्थयात्रापर्व |
Adhyaya: | एकाशीतितमोऽध्यायः (81) |
Akhyana: | |
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