Index Search for 'लभन्ते' |
Shloka: | अकुर्वन्तो हि कर्माणि कुर्वन्तो निन्दितानि च । सुखं नैवेह नामुत्रलभन्ते पुरुषाधमाः ॥ |
Reference: | 5.54.133.12.10(उद्योगपर्व>भगवद्यानपर्व>त्रयस्त्रिंशदधिकशततमोऽध्यायः (133)>विदुरापुत्रानुशासनम्>श्लोक#10) |
Parva: | उद्योगपर्व |
Upaparva: | भगवद्यानपर्व |
Adhyaya: | त्रयस्त्रिंशदधिकशततमोऽध्यायः (133) |
Akhyana: | विदुरापुत्रानुशासनम् |
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