Index Search for 'लभते' |
Shloka: | यदैवलभते वीरः सुयुद्धेन महद्यशः । तदैव प्रव्यथन्तेऽस्य शत्रवो विनमन्ति च ॥ |
Reference: | 5.54.132.12.26(उद्योगपर्व>भगवद्यानपर्व>द्वात्रिंशदधिकशततमोऽध्यायः (132)>विदुरापुत्रानुशासनम्>श्लोक#26) |
Parva: | उद्योगपर्व |
Upaparva: | भगवद्यानपर्व |
Adhyaya: | द्वात्रिंशदधिकशततमोऽध्यायः (132) |
Akhyana: | विदुरापुत्रानुशासनम् |
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