Index Search for 'लब्ध्वा' |
Shloka: | काश्यो बभ्रुः श्रियमुत्तमां गतोलब्ध्वा कृष्णं भ्रातरमीशितारम् । यस्मै कामान्वर्षति वासुदेवो ग्रीष्मात्यये मेघ इव प्रजाभ्यः ॥ |
Reference: | 5.50.28.0.13(उद्योगपर्व>सञ्जययानपर्व>अष्टाविंशोऽध्यायः (28)>श्लोक#13) |
Parva: | उद्योगपर्व |
Upaparva: | सञ्जययानपर्व |
Adhyaya: | अष्टाविंशोऽध्यायः (28) |
Akhyana: | |
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