Index Search for 'लब्ध्वा' |
Shloka: | अधीतमग्रे चरता व्रतानि सम्यग्धनुर्वेदमवाप्य कृत्स्नम् । क्षात्रेण धर्मेण वसूनिलब्ध्वा सर्वे ह्यवाप्ताः क्रतवः पुराणाः ॥ |
Reference: | 3.37.180.0.17(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>अशीत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#17) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | अशीत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
Search other sources: | search this word on other online resources
|