Index Search for 'लब्धानि' |
Shloka: | अस्त्राणिलब्धानि च पाण्डवेन सर्वाणि मत्तः प्रयतेन राजन् । कृतप्रियश्चास्मि धनंजयेन जेतुं न शक्यस्त्रिभिरेष लोकैः ॥ |
Reference: | 3.35.162.0.13(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>यक्षयुद्धपर्व>द्विषष्ट्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#13) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | यक्षयुद्धपर्व |
Adhyaya: | द्विषष्ट्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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