Index Search for 'लब्धचेतसः' |
Shloka: | ततस्ते ब्रह्मणा प्रोक्ते तथेति वचने तदा । समुत्तस्थुर्महाराज वानरालब्धचेतसः ॥ |
Reference: | 3.42.275.0.42(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>पञ्चसप्तत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#42) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | पञ्चसप्तत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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