Index Search for 'लङ्कोद्यानान्यनेकशः' |
Shloka: | ततो गत्वा समासाद्यलङ्कोद्यानान्यनेकशः । भेदयामास कपिभिर्महान्ति च बहूनि च ॥ |
Reference: | 3.42.267.0.51(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>सप्तषष्ट्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#51) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | सप्तषष्ट्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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