Index Search for 'लङ्काया' |
Shloka: | अङ्गदस्त्वथलङ्काया द्वारदेशमुपागतः । विदितो राक्षसेन्द्रस्य प्रविवेश गतव्यथः ॥ |
Reference: | 3.42.268.0.7(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>अष्टषष्ट्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#7) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | अष्टषष्ट्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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