Index Search for 'लङ्कामभ्यपतन्भयात्' |
Shloka: | ते वध्यमाना बलिभिर्हरिभिर्जितकाशिभिः । राक्षसा भग्नसंकल्पालङ्कामभ्यपतन्भयात् ॥ |
Reference: | 3.42.270.0.16(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>सप्तत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#16) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | सप्तत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
Search other sources: | search this word on other online resources
|