Index Search for 'लङ्कां' |
Shloka: | रावणोऽपि पुरीं गत्वालङ्कां कामबलात्कृतः । सीतां निवेशयामास भवने नन्दनोपमे । अशोकवनिकाभ्याशे तापसाश्रमसंनिभे ॥ |
Reference: | 3.42.264.0.41(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>चतुःषष्ट्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#41) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | चतुःषष्ट्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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