Index Search for 'लङ्कां' |
Shloka: | हतेषु तेषु रक्षःसु ततः शूर्पणखा पुनः । ययौ निकृत्तनासोष्ठीलङ्कां भ्रातुर्निवेशनम् ॥ |
Reference: | 3.42.261.0.44(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>एकषष्ट्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#44) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | एकषष्ट्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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