Index Search for 'लघुश्च' |
Shloka: | सखा च ते भविष्यामि मत्समो नास्ति पन्नगः ।लघुश्च ते भविष्यामि शीघ्रमादाय गच्छ माम् ॥ |
Reference: | 3.32.63.0.7(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>इन्द्रलोकाभिगमनपर्व>त्रिषष्ठितमोऽध्यायः (63)>श्लोक#7) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | इन्द्रलोकाभिगमनपर्व |
Adhyaya: | त्रिषष्ठितमोऽध्यायः (63) |
Akhyana: | |
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