Index Search for 'लक्ष्मणेत्येवं' |
Shloka: | स रामबाणाभिहतः कृत्वा रामस्वरं तदा । हा सीतेलक्ष्मणेत्येवं चुक्रोशार्तस्वरेण ह ॥ |
Reference: | 3.42.262.0.22(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>द्विषष्ट्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#22) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | द्विषष्ट्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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