Index Search for 'लक्ष्मणाः' |
Shloka: | हतेष्वसुरसंघेषु दारास्तेषां तु सर्वशः । प्राक्रोशन्नगरे तस्मिन्यथा शरदिलक्ष्मणाः ॥ |
Reference: | 3.35.169.0.21(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>यक्षयुद्धपर्व>एकोनसप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#21) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | यक्षयुद्धपर्व |
Adhyaya: | एकोनसप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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