Index Search for 'लक्ष्मणश्चैव' |
Shloka: | समेत्य युयुधे तत्र ततो रामेण रावणः । युयुधेलक्ष्मणश्चैव तथैवेन्द्रजिता सह ॥ |
Reference: | 3.42.269.0.7(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>एकोनसप्तत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#7) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | एकोनसप्तत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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