Index Search for 'लक्ष्मणं' |
Shloka: | स राममुद्दिश्य शरैस्ततो दत्तवरैस्तदा । विव्याध सर्वगात्रेषुलक्ष्मणं च महारथम् ॥ |
Reference: | 3.42.272.0.21(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>द्विसप्तत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#21) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | द्विसप्तत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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