Index Search for 'लक्ष्मणं' |
Shloka: | रामस्तस्याः प्रियं कुर्वन्धनुरादाय सत्वरः । रक्षार्थेलक्ष्मणं न्यस्य प्रययौ मृगलिप्सया ॥ |
Reference: | 3.42.262.0.18(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>द्विषष्ट्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#18) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | द्विषष्ट्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
Search other sources: | search this word on other online resources
|