Index Search for 'लक्ष्मण' |
Shloka: | गर्हयन्नेव रामस्तु त्वरितस्तं समासदत् । अपि जीवति वैदेही नेति पश्यामिलक्ष्मण ॥ |
Reference: | 3.42.263.0.13(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>त्रिषष्ट्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#13) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | त्रिषष्ट्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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