Index Search for 'लक्ष्म' |
Shloka: | तस्यामेव तु ते जन्तुर्भविता पुनरात्मजः । उत्तरे चास्य सौवर्णंलक्ष्म पार्श्वे भविष्यति ॥ |
Reference: | 3.33.127.0.21(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>तीर्थयात्रापर्व>सप्तविंशत्यधिकशततमोऽध्यायः (127)>श्लोक#21) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | तीर्थयात्रापर्व |
Adhyaya: | सप्तविंशत्यधिकशततमोऽध्यायः (127) |
Akhyana: | |
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