Index Search for 'लक्षये' |
Shloka: | सत्यवानुवाच - शिरोरुजा निवृत्ता मे स्वस्थान्यङ्गानिलक्षये । मातापितृभ्यामिच्छामि संगमं त्वत्प्रसादजम् ॥ |
Reference: | 3.42.281.0.80(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>एकाशीत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#80) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | एकाशीत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
Search other sources: | search this word on other online resources
|