Index Search for 'लक्षयित्वा' |
Shloka: | लक्षयित्वा तु मां भीतमिदं वचनमब्रवीत् । अर्जुनार्जुन मा भैस्त्वं वज्रमस्त्रमुदीरय ॥ |
Reference: | 3.35.169.0.12(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>यक्षयुद्धपर्व>एकोनसप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#12) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | यक्षयुद्धपर्व |
Adhyaya: | एकोनसप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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