Index Search for 'लक्षणं' |
Shloka: | लक्षणं तु प्रसादस्य यथा तृप्तः सुखं स्वपेत् । निवाते वा यथा दीपो दीप्येत्कुशलदीपितः ॥ |
Reference: | 3.37.203.0.36(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>त्र्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#36) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | त्र्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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