Index Search for 'त्रैलोक्यस्याभयंकरः' |
Shloka: | अभयं च पुनर्दत्तं त्वयैवैषां सुरोत्तम । तस्मादिन्द्रो भवानस्तुत्रैलोक्यस्याभयंकरः ॥ |
Reference: | 3.37.218.0.7(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>अष्टादशाधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#7) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | अष्टादशाधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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