Index Search for 'त्रीण्यवदातानि' |
Shloka: | येषांत्रीण्यवदातानि योनिर्विद्या च कर्म च । तान्सेवेत्तैः समास्या हि शास्त्रेभ्योऽपि गरीयसी ॥ |
Reference: | 3.29.1.0.25(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>आरण्यकपर्व>प्रथमोऽध्यायः (01)>श्लोक#25) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | आरण्यकपर्व |
Adhyaya: | प्रथमोऽध्यायः (01) |
Akhyana: | |
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