Index Search for 'त्रिशिरसं' |
Shloka: | ततोऽपश्यंत्रिशिरसं पुरुषं नवलोचनम् । त्रिमुखं षड्भुजं दीप्तमर्कज्वलनमूर्धजम् । लेलिहानैर्महानागैः कृतशीर्षममित्रहन् ॥ |
Reference: | 3.35.170.0.39(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>यक्षयुद्धपर्व>सप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#39) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | यक्षयुद्धपर्व |
Adhyaya: | सप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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