Index Search for 'त्रिवेणुकम्' |
Shloka: | यथान्यायं महातेजाः शौचं परममास्थितः । गिरिकूबरं पादपाङ्गं शुभवेणुत्रिवेणुकम् । पार्थिवं रथमास्थाय शोभमानो धनंजयः ॥ |
Reference: | 3.35.172.0.4(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>यक्षयुद्धपर्व>द्विसप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#4) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | यक्षयुद्धपर्व |
Adhyaya: | द्विसप्तत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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