Index Search for 'त्रिविधं' |
Shloka: | त्रिविधं संस्थिता ह्येते पञ्च पञ्च पृथक्पृथक् । मुष्णन्त्यत्र स्थिता ह्येते स्वर्गतो यज्ञयाजिनः ॥ |
Reference: | 3.37.210.0.14(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>दशाधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#14) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | दशाधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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