Index Search for 'त्रिवर्गोऽयं' |
Shloka: | विदुर उवाच -त्रिवर्गोऽयं धर्ममूलो नरेन्द्र राज्यं चेदं धर्ममूलं वदन्ति । धर्मे राजन्वर्तमानः स्वशक्त्या पुत्रान्सर्वान्पाहि कुन्तीसुतांश्च ॥ |
Reference: | 3.29.5.0.4(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>आरण्यकपर्व>पञ्चमोऽध्यायः (05)>श्लोक#4) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | आरण्यकपर्व |
Adhyaya: | पञ्चमोऽध्यायः (05) |
Akhyana: | |
Search other sources: | search this word on other online resources
|