Index Search for 'त्रिपुरमर्दनम्' |
Shloka: | स तप्यमानः सुमहत्तपो योगसमन्वितः । आससाद महात्मानं त्र्यक्षंत्रिपुरमर्दनम् ॥ |
Reference: | 3.33.104.0.10(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>तीर्थयात्रापर्व>चतुरधिकशततमोऽध्यायः (104)>श्लोक#10) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | तीर्थयात्रापर्व |
Adhyaya: | चतुरधिकशततमोऽध्यायः (104) |
Akhyana: | |
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