Index Search for 'त्रासयंस्तलघोषेण' |
Shloka: | तं लक्ष्मणोऽप्यभ्यधावत्प्रगृह्य सशरं धनुः ।त्रासयंस्तलघोषेण सिंहः क्षुद्रमृगं यथा ॥ |
Reference: | 3.42.272.0.10(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>द्विसप्तत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#10) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | द्विसप्तत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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